सावन में जल और व्रत करने का क्या है नियम – सावन में जल क्यों चढ़ाया जाता है

आपने सावन के महीने में शायद देखा होगा कि लोग नदियों, झरनों और मंदिरों में जाकर जल को चढ़ाते हैं। क्या आपने इसके पीछे का कारण जानने की कोशिश की है? चलिए, आपको बताते हैं।

सावन मास: पवित्रता और भक्ति का माह

सावन मास हिन्दू पंचांग में एक पवित्र मास माना जाता है। यह मास भगवान शिव और माता पार्वती के आराधना में विशेष महत्व रखता है। इस मास में श्रद्धालु लोग भगवान शिव की पूजा-अर्चना और व्रत रखते हैं।

सावन का महीना हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण मान्यताओं और परंपराओं के साथ आता है। इस मास में, बहुत सारे लोग गंगा जल को अपने घर लाएँगे और इसे चढ़ाने का व्रत रखेंगे। यहां हम आपको इसके नियमों के बारे में बताएंगे:

1. व्रत रखने का संकल्प

सावन में गंगा जल का व्रत रखने से पहले, आपको एक संकल्प लेना होगा। इसमें आपको सावन मास में गंगा जल को चढ़ाने का व्रत रखने का संकल्प लेना होगा।

Also Read:  जन्माष्टमी पर जरूर कर लें ये 6 काम - Janmashtami Date 2020 - कृष्ण जन्माष्टमी कब है

2. स्नान

व्रत शुरू करने से पहले आपको एक पवित्र स्नान करना चाहिए। इससे आपका शरीर और मन शुद्ध होगा और आपको व्रत के लिए तैयार करेगा।

3. गंगा जल को चढ़ाना

व्रत के दौरान, आपको सुबह-सुबह उठकर गंगा जल के पास जाना चाहिए। वहां आप गंगा जल को उठा सकते हैं और अपने घर में चढ़ा सकते हैं। इसे करने से आपको शिव भगवान की कृपा प्राप्त होती है और आपके पाप धुल जाते हैं।

ये नियम अपनाकर, आप अपने मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध रखकर सावन मास में गंगा जल को चढ़ा सकते हैं। इससे आपको धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से आनंद मिलेगा।

Also Read:  Devshayani Ekadashi 2023: देवशयनी एकादशी कल, भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए इस विधि से करें पूजा

यहां कुछ तथ्य हैं:

  • सावन मास में गंगा जल चढ़ाने का व्रत करने से मान्यता है कि भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
  • इस व्रत को लोग विशेष भक्ति और श्रद्धा के साथ मानते हैं।
  • भगवान को विष से आयी गर्मी को शांत करने के लिए उनके ऊपर जल चढ़ाया जाता है।
  • इसलिए हम यह मानते हैं कि जब भगवान शिव के ऊपर जल चढ़ाया जाता है, तो वे शांत होते हैं और अपने भक्तों को प्रसन्न करते हैं।
  • यही कारण है कि सावन महीने में विशेष रूप से भगवान शिव के ऊपर जल चढ़ाने की परंपरा होती है।
Also Read:  सावन मास में कढ़ी और दही का सेवन क्यों नहीं करना चाहिए, इसका धार्मिक और वैज्ञानिक कारण जानें।

यह सावन में जल चढ़ाने का नियम है, जो आपको आध्यात्मिकता और संबंध का अनुभव कराता है। इसे ध्यान और भक्ति से करें और अपने आप को और अपने परिवार को पवित्रता के संग जुड़े रखें।

अधिक जानकारी के लिए विडियो देखें –