Thursday, October 9, 2025
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किसी भी तरह की मनोकामना पूर्ति के लिए करें यह असरदार उपाय

भगवान शिव (lord shiva)  हिंदू धर्म में सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देवता माने जाते हैं,भारतवर्ष और दुनिया में भगवान शिव के हजारों करोड़ों मंदिर हैं |


लोग विशेषकर सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं | भगवान शिव के साथ साथ माता पार्वती और श्री गणेश भगवान श्री कार्तिकेय जी और नंदी बाबा व शेषनाग की पूजा भी की जाती है |
आज हम अपने इस आर्टिकल में आपके लिए ऐसी जानकारी लेकर आए हैं की यदि आप इस उपाय को अपने जीवन में करते हैं तो आपकी कोई भी मनोकामना क्यों ना हो वह अवश्य ही पूरी हो जाएगी|

किसी भी तरह की मनोकामना पूर्ति के लिए करें यह असरदार उपाय

 

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आपने प्रदोष व्रत (pradosh fast)  के बारे में सुना होगा, साल भर में 24 प्रदोष के व्रत रखे जाते हैं एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष, प्रदोष व्रत में भगवान शिव की प्रदोष काल में पूजा की जाती है, ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में करने से फल बहुत ही शीघ्र मिलता है| दोस्तों प्रदोष के व्रत बहुत ही प्रभावशाली माने जाते हैं |

प्रदोष काल

सूर्य अस्त से 45 मिनट पहले का समय प्रदोष काल आरंभ हो जाता है|

प्रदोष पूजा विधि

महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष का व्रत किया जाता है

  • प्रदोष के दिन सर्वप्रथम सूर्योदय से पहले उठना चाहिए
  • भगवान शिव के आगे घी का दीपक प्रज्वलित कीजिए
  • भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए
  • भगवान शिव माता पार्वती और गणेश जी की आरती करनी चाहिए
  • प्रदोष व्रत में फलाहार ग्रहण किया जाता है|
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विशेष

प्रदोष व्रत में भगवान शिव का प्रदोष काल में अभिषेक करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है|

प्रदोष काल पूजा विधि

  • सर्वप्रथम भगवान के समक्ष घी का दीपक व धूप जलाएं
  • भगवान श्री गणेश की पूजा करें
  • शिवलिंग पर पंचामृत से अभिषेक करें
  • शिवलिंग को स्वच्छ जल से साफ करके जनेऊ जोड़ा चढ़ाएं
  •  शिव के प्रिय पुष्प अर्पित करें
  • भगवान शिव को बेलपत्र धतूरा भांग आदि बहुत प्रिय हैं अतः उन्हें प्रदोष काल में जरूर अर्पित करें
  • भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाएं
  • माता पार्वती की पूजा करके उन्हें सिंदूर का तिलक लगाना चाहिए
  • नंदी बाबा व शेषनाग की पूजा अवश्य करें
  • व्रत के लिए जो भी प्रसाद आप ने बनाया है वह भगवान शिव को अर्पित करें
  • व्रत में अधिक से अधिक भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें
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