जानें करवा चौथ की पूजन विधि और शुभ मुहूर्त-70 साल बाद बन रहे महासंयोग का लाभ लें Karva Chauth 2019

करवा चौथ का व्रत रखने के पीछे मुख्य कारण सुहागिन महिलाओं का यह होता है कि वह अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं और ऐसा करने से उनके पति दीर्घायु होते हैं और स्वस्थ रहते हैं |

इसलिए महिलाएं सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिना कुछ खाए पिए ये व्रत रखती है और चंद्रमा पूजन के बाद ही अपने व्रत को तोड़ती हैं | आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि करवा चौथ के इस पावन व्रत को किस समय, कैसे रखना है

हिंदी हिंदू पंचांग के मुताबिक करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है | इस साल 4 शुभ संयोग पर रहे हैं जो 70 सालों बाद हिंदू पंचांग के अनुसार पड़ रहा है। करवा चौथ व्रत करने के पीछे सुहागिन महिलाओं का उद्देश्य ये होता है कि उनके पति की आयु लंबी हो। इसलिए महिलाएं सुबह सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिना अन्न-पानी ग्रहण किए ये व्रत रखती हैं। अब ये महिलाएं सूर्यास्त का इंतजार करेंगी और इसके बाद ही जब चाँद निकलेगा तो चंद्र को अर्घ्य देकर व्रती अपना व्रत खोलती हैं। करवा चौथ व्रत में मुख्य रूप से शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और चंद्रमा की पूजा की जाती है।

करवा चौथ की तिथि और शुभ मुहूर्त (Karva Chauth Date and Time)

चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 17 अक्‍टूबर की शाम 06 बजकर 48 मिनट।
चतुर्थी तिथि समाप्‍त: 18 अक्‍टूबर की सुबह सुबह 07 बजकर 29 मिनट तक।
करवा चौथ व्रत का समय: 17 अक्‍टूबर की सुबह 06 बजकर 27 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक.
कुल अवधि: 13 घंटे 50 मिनट।
पूजा का शुभ मुहूर्त: 17 अक्‍टूबर 2019 की शाम 05 बजकर 46 मिनट से शाम 07 बजकर 02 मिनट तक।
अवधि- 1 घंटे 16 मिनट

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चन्द्रोदय का समय

आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय 06 बजकर 41 मिनट पर होगा।

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