Sunday, August 17, 2025
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दिवाली के दिन मृत्यु प्राप्त होना पवित्र/शुभ क्यों माना जाता है?

नमस्ते दोस्तों, मैं हूँ दीक्षा शर्मा, भारतीय पर्व-त्योहारों और संस्कृति पर पिछले 10 साल से लेखन कर रही हूँ। इस विषय पर लिखने की प्रेरणा मुझे हाल ही में मिली जब मैंने एक परिवार के बारे में सुना, जो त्यौहार के दिन किसी अपने को खोने के बाद से वह पर्व नहीं मनाते। इस लेख में, हम इस बात पर विचार करेंगे कि आखिर दिवाली जैसे शुभ दिन पर किसी की मृत्यु को क्यों पवित्र माना जाता है। इसे पढ़कर आप भी अपने दृष्टिकोण को और स्पष्ट कर पाएंगे।

क्या होता है दिवाली के दिन मृत्यु का अर्थ? – Meaning of Death on Diwali

दिवाली, भारतीय संस्कृति का सबसे प्रमुख त्यौहार है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। मगर क्या आपने कभी सोचा है कि दिवाली के दिन किसी की मृत्यु क्यों शुभ मानी जाती है? इसका कारण भारतीय धार्मिक ग्रंथों और मान्यताओं में गहराई से छुपा हुआ है।

ध्यान दीजिए, ऐसा नहीं है कि यह केवल दिवाली पर होता है; होली, जन्माष्टमी, नवरात्रि जैसे विशेष दिनों पर भी मृत्यु को लेकर कई मान्यताएँ जुड़ी हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, दिवाली के दिन किसी आत्मा का इस संसार से जाना उसे सीधे मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर ले जाता है। इस मान्यता का संबंध भगवान और उनके पवित्र समय से है।

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धार्मिक मान्यताएँ – Religious Beliefs

धार्मिक दृष्टिकोण से, दिवाली का दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने का समय होता है। कहते हैं कि यदि इस दिन किसी की मृत्यु होती है, तो उसे पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है। यह केवल दिवाली तक सीमित नहीं है, बल्कि हर त्यौहार पर यही मान्यता होती है।

“वेदों में कहा गया है कि आत्मा अजर-अमर है और त्यौहार के दिन मृत्यु इस आत्मा को विशेष ऊर्जा प्रदान करती है।”

क्यों नहीं मनाते हैं कुछ परिवार त्यौहार? – Why Some Families Avoid Celebrating Festivals

अक्सर देखने में आता है कि त्यौहार के दिन परिवार में किसी की मृत्यु होने पर लोग उस त्यौहार को मनाना बंद कर देते हैं। मैंने खुद एक परिवार को देखा है, जो गणेश चतुर्थी नहीं मनाता क्योंकि उनके परिवार में उस दिन किसी की मृत्यु हुई थी। यह परंपरा उनके मन में गहरे रची-बसी है।

इस प्रकार, हमारे समाज में कई परिवार ऐसे हैं, जो किसी विशेष दिन पर त्योहार न मनाने का निर्णय लेते हैं। इसके पीछे यह सोच होती है कि उस दिन की पुनरावृत्ति न हो और दिवंगत आत्मा को शांति मिले।

आधुनिक दृष्टिकोण – Modern Perspective

आज के समय में, कई धार्मिक गुरुओं और कथावाचकों ने इस विषय पर प्रकाश डाला है। हाल ही में मैंने एक संत की रील देखी, जहाँ उन्होंने बताया कि त्यौहार के दिन किसी की मृत्यु होना सिर्फ संयोग है, और हमें इस बात को लेकर त्यौहार नहीं छोड़ना चाहिए। कहा जाता है कि मृत्यु के पश्चात सभी कर्मकांड करके सवा साल बाद त्योहार मनाना शुरू कर सकते हैं।

त्यौहार का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व – Religious and Spiritual Importance of Festivals

त्योहार हमारे जीवन में एक विशेष स्थान रखते हैं। दिवाली हो या गुडी पड़वा, ये सभी पर्व हमारे लिए सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। इस कारण, धार्मिक मान्यताओं का अनुसरण करना चाहिए लेकिन अंधविश्वास से दूर रहना भी जरूरी है। त्योहारों को दिवंगत आत्मा की शांति के साथ मनाना एक प्रकार का संतुलन है।

Did You Know? – क्या आप जानते हैं कि मोक्ष पाने के लिए शास्त्रों में वर्णित मार्गों में से एक पवित्र दिन पर मृत्यु प्राप्त करना माना गया है?

मृत्यु के पश्चात कर्मकांड – Rituals After Death

मृत्यु के पश्चात विशेष कर्मकांडों का पालन किया जाता है, जैसे श्राद्ध और पिंडदान। इस परंपरा का पालन कर हम दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने का प्रयास करते हैं। श्राद्ध के समय में यह माना जाता है कि दिवंगत आत्मा को जो कर्मकांड करते हैं, वे मोक्ष प्राप्ति में सहायक होते हैं।

यह बात ध्यान में रखने की है कि हर व्यक्ति के लिए यह निर्णय व्यक्तिगत होता है। कुछ लोग इसे विश्वास के साथ अपनाते हैं, तो कुछ लोग विज्ञान और तर्क पर भरोसा करते हैं।

क्या कहते हैं ज्योतिष शास्त्र? – What Does Astrology Say?

ज्योतिष के अनुसार, दिवाली के दिन मृत्यु प्राप्त करने का अर्थ आत्मा का सीधा उन्नति के मार्ग पर जाना है। माना जाता है कि ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति दिवाली जैसे पवित्र दिन को मोक्ष प्राप्ति में सहायक बनाती है। इस मान्यता के अनुसार, व्यक्ति की मृत्यु यदि पवित्र दिन पर होती है, तो उसकी आत्मा को विशेष स्थान प्राप्त होता है।

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त्यौहार पर मृत्यु के बाद पुनः पर्व मनाना – Celebrating Festivals After Death on That Day

कुछ लोग मानते हैं कि त्यौहार के दिन मृत्यु होने के पश्चात, उस दिन को छोड़ देना चाहिए और उस समय तक पर्व न मनाने का नियम है। लेकिन कुछ धार्मिक ग्रंथों में यह भी लिखा है कि यदि सवा साल बाद किसी नये जीव का जन्म होता है, तो उस परिवार में त्योहार पुनः मनाए जा सकते हैं।

क्या हमें त्यौहार छोड़ना चाहिए? – Should We Stop Celebrating Festivals?

यह एक बहुत ही व्यक्तिगत निर्णय है। कुछ परिवार इसे परंपरा का हिस्सा मानते हैं, जबकि कुछ इसे संयोग समझते हैं। हमें अपने मनोबल को बनाए रखना चाहिए और अपने पूर्वजों को सम्मान देना चाहिए। त्योहारों का उद्देश्य खुशियाँ फैलाना है और अपनों के साथ समय बिताना है।

“त्योहार हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं, इन्हें मनाना और संजोना हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”

निष्कर्ष – Conclusion

दोस्तों, इस लेख में हमने देखा कि क्यों दिवाली जैसे विशेष दिन पर मृत्यु को पवित्र और शुभ माना जाता है। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता है जो हमारे समाज में वर्षों से चली आ रही है। परंपरा और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाना भी जरूरी है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम किस प्रकार से इस विषय को समझते हैं और अपने जीवन में शामिल करते हैं।

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FAQs

1. क्या दिवाली के दिन मृत्यु होने पर उस आत्मा को मोक्ष मिलता है?
हाँ, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन मृत्यु प्राप्त करने पर आत्मा को मोक्ष प्राप्ति का मार्ग मिलता है।

2. क्यों कुछ परिवार त्यौहार के दिन मृत्यु के बाद त्यौहार नहीं मनाते?
परंपरा के अनुसार, कुछ परिवार मानते हैं कि त्यौहार के दिन मृत्यु के बाद पर्व न मनाना दिवंगत आत्मा की शांति के लिए आवश्यक है।

3. क्या सवा साल बाद त्योहार मनाना उचित होता है?
जी हाँ, धार्मिक मान्यता के अनुसार, सभी कर्मकांड पूर्ण करने के बाद सवा साल के पश्चात त्योहार पुनः मनाए जा सकते हैं।

4. क्या ज्योतिष शास्त्र में दिवाली के दिन मृत्यु का कोई विशेष महत्व है?
ज्योतिष में दिवाली के दिन मृत्यु को मोक्ष प्राप्ति से जोड़कर देखा जाता है, क्योंकि इस दिन ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति होती है।

5. क्या हमें त्यौहार नहीं मनाना चाहिए यदि परिवार में उस दिन किसी की मृत्यु हो?
यह पूरी तरह से व्यक्तिगत निर्णय है। कुछ लोग परंपरा का पालन करते हैं, जबकि कुछ इसे संयोग मानते हैं।


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Dixa Sharma
Dixa Sharmahttps://www.healthprimetips.com/
Dixa is an MBA graduate, a proud mom, and a passionate blogger for the past 9 years on this platform. She loves sharing insights on Health, Fitness, and Astrology topics. Follow her blog now for inspiring and mindful reads!
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