करवा चौथ व्रत रखने जा रहे हैं पहली बार तो जान लें यह जरूरी नियम, वरना बन सकते हैं पाप के भागी
करवा चौथ का त्यौहार अत्यधिक शुभ माना जाता है सौभाग्यवती स्त्रियां इस दिन अपने पति की लंबी आयु (Age) की कामना के लिए निर्जल और निराहार रहकर व्रत रखती है | यह व्रत अत्यधिक कठिन (Difficult) व्रतों में से एक माना जाता है|
इस दिन स्त्रियां पूरे दिन उपवास रखकर शाम को चंद्रोदय के बाद चंद्रमा (Moon) को जल देकर खाना व पानी ग्रहण करती हैं ऐसा करने से मां पार्वती (Godess parvati) की कृपा से पति की आयु लंबी होती है|
यदि आप नव विवाहित स्त्री (Newly married women) है और आपके मन में करवा चौथ के व्रत को लेकर काफी सारी शंकाएं (Doubts) हैं तो आज हम अपने इस आर्टिकल में आपके लिए कुछ ऐसी जानकारी लेकर आए हैं जिसको यदि आप ध्यान में रखकर करवा चौथ के व्रत का पालन करती हैं तो आपको किसी भी प्रकार की शंका नहीं रहेगी वह व्रत का विशेष फल आपको अवश्य ही प्राप्त होगा|
आइए व्रत रखने से पहले इसके विशेष नियमों के बारे में अवश्य जान लें
करवा चौथ व्रत रखने के विशेष नियम
करवा चौथ व्रत रखने से पहले इसकी जानकारी जान लेना बहुत अत्यधिक जरूरी है |आइए जाते हैं करवा चौथ व्रत के कठोर नियमों के बारे में-
- सर्वप्रथम सूर्योदय उठकर भगवान को प्रणाम करें
- घर आंगन व पूजा घर को स्वच्छ कर ले
- इस दिन बाल अवश्य धोएं
- इस दिन बहनें विशेष प्रकार से श्रंगार अवश्य करें
- करवा चौथ के व्रत में धुले हुए (Clean) वस्त्रों को ही धारण करना चाहिए
- स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान के सामने हाथ जोड़कर करवा चौथ का व्रत रखने का संकल्प लें
- इस व्रत मे मान्यता यह है कि स्त्रियां निराहार व निर्जल रहकर व्रत रखती हैं
- शाम के समय करवा चौथ की कहानी पढ़ें
- रात्रि में जब चंद्रोदय हो जाए तो चंद्रमा को जल दें
- चंद्रमा की आरती करें
- करवा चौथ पर कभी भी चंद्रमा को देखना नहीं चाहिए उसे देखने के लिए विशेष प्रकार की छलनी का प्रयोग किया जाता है
- जिस छलनी में आप चंद्रमा के दर्शन करें उसी छलनी से अपने पति का दर्शन करें
- दर्शन के पश्चात अपने पति के पैर छूकर उनका आशीर्वाद (Blessings) लेकर जल ग्रहण करें
- बड़ों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद अवश्य ले
- करवा चौथ के दिन अपनी सासू मां (Mother in law) को वायना जरूर दें
- वायने में सुहाग की सामग्री साड़ी खाना रखें
- रात को पूजा करने के बाद स्वयं भी खाना ग्रहण करें
विशेष
यदि आप के यहां सरगी खिलाई जाती है तो सुबह सूर्य (Sun) निकलने से पहले सरगी खा ले क्योंकि सूर्य निकलने के बाद सरगी खाने का विधान नहीं है | सूर्य निकलने के बाद सुहागन स्त्रियों को कुछ भी ग्रहण नहीं करना चाहिए |
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