Baisakhi 2023: जानिए क्यों और कब मनाई जाती है बैसाखी

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भारत में बहुत सारे त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें से बैसाखी भी एक है। यह त्यौहार सभी धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाता है और इसका महत्व भी बहुत उच्च होता है। बैसाखी कब है 2023 और पहला वैशाख कब होगा, ऐसे सभी सवालों के जवाब इस ब्लॉग पोस्ट में दिए गए हैं।

Baisakhi 2023 जानिए क्यों और कब मनाई जाती है बैसाखी.
Baisakhi 2023 जानिए क्यों और कब मनाई जाती है बैसाखी.

 

हम इस ब्लॉग पोस्ट में बैसाखी के त्यौहार का इतिहास, इसके पीछे की कहानी, इसका ज्योतिषीय महत्व और इसे क्यों मनाया जाता है जैसी विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

बैसाखी कब है 2023 – Baisakhi Kab Hai 2023

बैसाखी त्यौहार भारत में हर साल वैशाख महीने के पूरे महीने में मनाया जाता है। इस त्यौहार को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नाम दिया जाता है। उत्तर भारत में इसे बैसाखी के नाम से जाना जाता है, जबकि दक्षिण भारत में इसे पुत्तांडु का नाम दिया जाता है। इस साल बैसाखी का त्यौहार 14 अप्रैल, 2023 को मनाया जाएगा।

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बैसाखी क्यों मनाया जाता है – Vaisakhi Kyon Manaya Jata Hai

बैसाखी को मनाने के पीछे कई कारण हैं। इस त्यौहार का महत्व सबसे पहले यह है कि यह सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है और इसे सभी धर्मों के लोग मनाते हैं। इस त्यौहार को वैशाख महीने के पहले दिन मनाया जाता है जो कि वैदिक अंदाज में होता है। यह त्यौहार भारतीय कृषि समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जिसमें इस दिन के बाद से कृषि योग्यता और समय की गणना की जाती है।

पहला वैशाख कब है – Pahla Vaisakh Kab Hai

पहला वैशाख त्यौहार के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है। पहला वैशाख त्यौहार वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन सूर्य का उत्सव मनाया जाता है, जो कि सूर्य की गति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। पहला वैशाख 2023 का दिन शुक्रवार है, 14 अप्रैल को मनाया जाएगा।

बैसाखी त्यौहार का इतिहास – Vaisakhi Tyohar Ka Itihas

बैसाखी त्यौहार का इतिहास बहुत ही दिलचस्प है। इस त्यौहार का मूल रूप से संबंध खेती से है, जबकि इसके बाद अलग-अलग धर्मों में इसका महत्व बढ़ता गया। सिख धर्म के अनुयायी इस दिन को खास तौर पर मनाते हैं। 1699 में, सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरु गोबिंद सिंह ने इस दिन को अपने पंज प्यारों (पंज प्यारे) का गठन करने के लिए चुना था। इस दिन सिख भाईचारे के लिए बहुत महत्वपूर्ण है|

बैसाखी त्यौहार का ज्योतिषीय महत्व भी है। इस दिन सूर्य अपने महत्वपूर्ण उत्सव को मनाता है जो कि सूर्य की गति में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। इस दिन को वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है और इसे सूर्य में शक्ति के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन के उत्सव के दौरान लोग सूर्य के उपासना करते हैं और धन की आशा करते हैं।

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समापन में, हमने बैसाखी के त्यौहार का महत्व, इतिहास और ज्योतिषीय महत्व के बारे में चर्चा की। इस त्यौहार को मनाने का मुख्य कारण यह है कि यह सभी धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाता है और भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इस त्यौहार को मनाकर लोग अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हैं और समाज के साथ जुड़ते हैं।

FAQs

Q1. बैसाखी त्यौहार कब मनाया जाता है?

उत्तर: इस साल बैसाखी का त्यौहार 14 अप्रैल, 2023 को मनाया जाएगा।

Q2. बैसाखी त्यौहार का महत्व क्या है?

उत्तर: बैसाखी त्यौहार का महत्व बहुत उच्च होता है। इस त्यौहार को सभी धर्मों के लोग मनाते हैं और इसका मूल रूप से संबंध खेती से है। इस त्यौहार को वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है।

Q3. बैसाखी त्यौहार कौन-कौन से राज्यों में मनाया जाता है?

उत्तर: बैसाखी त्यौहार भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में इस त्यौहार को मनाया जाता है।


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