मधुमेह (डायबिटीज) रोकने के लिए ये योग रामबाण है – शुगर पेशेंट के लिए योग

Diabetes Home Remedies in Hndi – स्वस्थ्य पौष्टिक आहार और सही जीवनशैली के अलावा योग का नियमित अभ्यास डायबटीज़ से जूझ रहे लोगों के लिए एक बहुत ही फायदेमंद विकल्प है। डायबटीज़ (Diabetes) रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ रही है या यूं कहें कि यह समस्या आम हो गई है। शरीर में इंसुलिन की कमी या उसका न बनना ही डायबटीज़ का मुख्य कारण होता हैं जिसे आप योग के द्वारा दूर कर सकते हो.

प्राणायाम (pranayam)

प्राणायाम में गहरी सांस लेने और छोड़ना रक्त संचार को दुरुस्त करता है। प्राणायाम 8 प्रकार का होता है जिसमें से भ्रामरी और भास्रिका प्राणायाम डायबटीज़ के लिए ज्यादा लाभकारी होते है। प्राणायाम डायबटीक के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है ।

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कपालभाति प्राणायाम (kapalbhati pranayam)

कपालभाति प्राणायाम आपके तंत्र तंत्रिकाओं और मस्तिष्क की नसों को उर्जा प्रदान करता है। यह प्रणायाम मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत अच्छा होता है। क्योंकि यह पेट की मांसपेशियों को सक्रिय (Active) करता हैं।

सुप्त मत्स्येन्द्रासन (Supta Matsyendrasana)

सुप्त मत्स्येन्द्रासन  शरीर के दरूनी अंगों की मसाज करता हैं व पाचन क्रिया (Digestion) में सहायता करता हैं। यह आसन पेट के अंगों को संक्य करता है।साथ यह मधुमेह के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।

धनुरासन (dhanurasana)

सह आसन अग्न्याशय को सक्रिय करता है और मधुमेह के मरीतों के लिए बहुत लाभदायक साबित होता है। यह योगासन पेट के अंगों को मजबूत बनाता है, और तनाव (Stress and Dipression)से मुक्ति देता है।

पश्चिमोत्तानासन  (Paschimottanasana)

यह आसन पेट व श्रोणि के अंगों को सक्रिय करता है जो कि मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत लाभदायक है। पश्चिमोत्तानासन शरीर में प्राण उर्जा को बढाता है।और साथ ही मन को शांति प्रदान करता है।

अर्धमत्स्येन्द्रासन  (Ardha Matsyendrāsana)

यह आसन पेट के अंगों की मसाज करता है। और फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा को बढाता है। अर्धमत्स्येन्द्रासन रीढ़ की हड्डी को भी मजबूत बनाता है। इस योगासन को करने से मन शांत होता है और रीढ़ की हडडी के हिस्से में रक्त संचालित हो जाता है।

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शवासन  (Shavasana)

शवासन पूरे शरीर को विश्राम देता है। यह आसन वक्ति को गहरे ध्यान की अवस्था में ले जाता है जिससे मन शांत व नवीन उर्जा से परिपूर्ण हो जाता है।

सूर्य नमस्कार  (surya namaskar)

अगर आपके पास सभी आसनों को करने का पूरा समय नहीं है तो रोज दो तीन बार सूर्य नमस्कार जरुर करें। सिर्फ इस आसन को करने से भी आप काफी हद तक इस रोग को नियंत्रित कर सकेंगे। इससे श्वास, पेट और प्रतिरोधी क्षमता को लाभ पहुंचता हैं।

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इन बातों का ख्याल जरुर रखें (remember these thing)

अगर आप योग द्वारा मधुमेह का उपचार कर रही हैं तो कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखें। सबसे हमेशा खाली पेट ही योग करें। साथ ही ढ़ीले, हल्के व आरामदायक वस्त्र पहन कर ही योग करें।

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