Pitru Paksha 2024 Date: पितृपक्ष 2024 की तिथियां: जानें पितृपक्ष कब शुरू हो रहा है और श्राद्ध की 16 महत्वपूर्ण तिथियां

Pitru Paksha 2024 Date – क्या आप भी अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का अवसर ढूंढ रहे हैं? क्या आप भी सोच रहे हैं कि इस साल पितृपक्ष कब शुरू हो रहा है? पितृपक्ष का समय हमारे हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, जब हम अपने पितरों को सम्मान देते हैं और उनकी आत्माओं की शांति के लिए पूजा-पाठ करते हैं।

मैं, दिक्षा शर्मा, 10 वर्षों से ब्लॉगिंग और भारतीय त्योहारों पर लेखन कर रही हूं। इस यात्रा में, मैंने महसूस किया कि पितृपक्ष के बारे में लोगों में कई सवाल होते हैं, जैसे श्राद्ध की तिथियां, पितृपक्ष का महत्व और इसमें क्या करना चाहिए। इसी भावना के साथ मैंने यह ब्लॉग पोस्ट लिखने का निर्णय लिया है, ताकि मैं आप सभी के साथ अपने अनुभव और जानकारी साझा कर सकूं।

इस ब्लॉग में हम पितृपक्ष 2024 की तिथियों के साथ-साथ इसके महत्व, पूजा विधि, और इससे जुड़े सभी सवालों का उत्तर देने का प्रयास करेंगे। तो चलिए, जानें पितृपक्ष से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें!


पितृपक्ष का महत्व क्या है? – Importance of Pitru Paksha

पितृपक्ष (Pitru Paksha) वह समय होता है जब हम अपने पितरों (ancestors) की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करते हैं। यह 16 दिनों का समय होता है, जो भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होकर अश्विन अमावस्या तक चलता है। हमारे शास्त्रों के अनुसार, पितर स्वर्ग से धरती पर इस समय आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए तर्पण और श्राद्ध से संतुष्ट होते हैं।

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क्या आप जानते हैं?
“पितृ” का अर्थ होता है हमारे पूर्वज। पितृपक्ष में किए गए श्राद्ध से उन्हें शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से हमारी जीवन में उन्नति होती है।

श्राद्ध का महत्व – Importance of Shraddha

श्राद्ध का अर्थ होता है श्रद्धा और विश्वास के साथ अपने पितरों को तर्पण और भोजन अर्पित करना। श्राद्ध करने से हमारे पितर हमें आशीर्वाद देते हैं और इससे परिवार में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है।


पितृपक्ष 2024 की तिथियां – Important Dates of Pitru Paksha 2024

पितृपक्ष 2024 (Pitru Paksha 2024) भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होकर अश्विन मास की अमावस्या तक चलेगा। इस वर्ष, पितृपक्ष 29 सितंबर 2024 से 2 अक्टूबर 2024 तक रहेगा।

पितृपक्ष 2024 की महत्वपूर्ण तिथियां – Important Dates of Shraddha in 2024

यहां पितृपक्ष के 16 दिनों की तिथियां दी गई हैं, जिन्हें नोट करना बेहद जरूरी है:

Date Day Tithi
September 17, 2024, Tuesday Purnima Shradh Bhadrapada, Shukla Purnima
September 18, 2024, Wednesday Pratipada Shradh Ashwina, Krishna Pratipada
September 19, 2024, Thursday Dwitiya Shradh Ashwina, Krishna Dwitiya
September 20, 2024, Friday Tritiya Shradh Ashwina, Krishna Tritiya
September 21, 2024, Saturday Chaturthi Shradh Ashwina, Krishna Chaturthi
September 21, 2024, Saturday Maha Bharani Ashwina, Bharani Nakshatra
September 22, 2024, Sunday Panchami Shradh Ashwina, Krishna Panchami
September 23, 2024, Monday Shashthi Shradh Ashwina, Krishna Shashthi
September 23, 2024, Monday Saptami Shradh Ashwina, Krishna Saptami
September 24, 2024, Tuesday Ashtami Shradh Ashwina, Krishna Ashtami
September 25, 2024, Wednesday Navami Shradh Ashwina, Krishna Navami
September 26, 2024, Thursday Dashami Shradh Ashwina, Krishna Dashami
September 27, 2024, Friday Ekadashi Shradh Ashwina, Krishna Ekadashi
September 29, 2024, Sunday Dwadashi Shradh Ashwina, Krishna Dwadashi
September 29, 2024, Sunday Magha Shradh Ashwina, Magha Nakshatra
September 30, 2024, Monday Trayodashi Shradh Ashwina, Krishna Trayodashi
October 1, 2024, Tuesday Chaturdashi Shradh Ashwina, Krishna Chaturdashi
October 2, 2024, Wednesday Sarva Pitru Amavasya Ashwina, Krishna Amavasya

जानकारी का स्रोत:
पंचांग (Drik Panchang) के अनुसार, यह तिथियां इस वर्ष की पितृपक्ष की हैं, जिन्हें आप अपने कैलेंडर में नोट कर सकते हैं।


श्राद्ध की तिथि कैसे निकाले 2024? – How to Calculate Shraddha Date in 2024?

श्राद्ध की तिथि निकालने के लिए यह ध्यान रखना चाहिए कि जिस दिन किसी व्यक्ति का देहांत हुआ हो, उसी तिथि को पितृपक्ष में उसका श्राद्ध किया जाता है। यह तिथि जन्मतिथि के अनुसार नहीं, बल्कि मृत्यु तिथि के अनुसार होती है। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति का देहांत कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को हुआ था, तो पितृपक्ष में उसी तिथि पर उसका श्राद्ध करना चाहिए।

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ध्यान दें: यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो, तो पितृ विसर्जन अमावस्या के दिन श्राद्ध करना सर्वमान्य होता है।


पितृपक्ष में क्या करना चाहिए? – What Should Be Done During Pitru Paksha?

पितृपक्ष के दौरान कुछ खास कर्मकांड और पूजा विधि का पालन करना जरूरी होता है। इस दौरान आप निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं:

  1. श्राद्ध (Shraddha) और तर्पण (Tarpan) करें:
    पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करें। यह पूजा कर्मकांड आपको किसी विद्वान पुरोहित की मदद से करना चाहिए।
  2. ब्राह्मणों को भोजन कराएं:
    इस दौरान ब्राह्मणों को भोजन कराना और वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है। इससे पितरों को संतोष मिलता है।
  3. दान करें:
    पितृपक्ष में अनाज, वस्त्र, धूप-दीप, जल आदि का दान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है।
  4. पवित्रता का पालन करें:
    पितृपक्ष के दौरान खुद को शुद्ध रखें। मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन का त्याग करें।

पितृपक्ष में क्या खाना चाहिए? – What to Eat During Pitru Paksha

पितृपक्ष में सात्विक भोजन करना चाहिए। इस दौरान तामसिक भोजन, जैसे मांस, मछली, लहसुन, प्याज आदि का त्याग करना आवश्यक होता है। श्राद्ध के दिन, पितरों के लिए खीर, पूरी, सब्जी, और विशेष रूप से तिल, जौ और कुश का प्रयोग किया जाता है।

Did You Know?
पितरों के लिए बनाए गए भोजन को पहले कौवों, गाय और कुत्तों को खिलाना शुभ माना जाता है। इसे “पिंडदान” कहा जाता है।


पितृ पक्ष एकादशी कब है 2024? – When is Pitru Paksha Ekadashi in 2024?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष दिन मंगलवार 17 सितंबर, 2024 को शुरू होगा  जो विशेष रूप से उन पितरों के लिए होता है, जिन्होंने किसी व्रत, तपस्या या आध्यात्मिक कार्यों के दौरान अपना शरीर त्याग किया हो।

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पितृ दोष कब खत्म होता है 2024? – When Does Pitru Dosh End in 2024?

पितृ दोष तब खत्म होता है जब श्राद्ध और तर्पण विधि से पितरों को संतोष प्राप्त होता है। इस वर्ष, पितृ दोष समाप्त होने की अंतिम तिथि 2 अक्टूबर 2024 (पितृ विसर्जन अमावस्या) को होगी। इस दिन, पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अंतिम श्राद्ध किया जाता है।


पितृ विसर्जन 2024 कब है? – When is Pitru Visarjan in 2024?

पितृ विसर्जन का दिन अश्विन अमावस्या को होता है। 2024 में यह तिथि 02 अक्टूबर 2024 को पड़ रही है। इस दिन पितरों को विदाई दी जाती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा की जाती है।


पितृपक्ष 2024 के FAQs

1. पितृपक्ष कितने दिन का होता है?
पितृपक्ष 16 दिनों का होता है, जो भाद्रपद पूर्णिमा से शुरू होकर अश्विन अमावस्या तक चलता है।

2. पितृपक्ष में कौन सा भोजन निषेध है?
पितृपक्ष में मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज और अन्य तामसिक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।

3. पितृपक्ष में श्राद्ध कैसे किया जाता है?
श्राद्ध के दौरान पितरों को तर्पण दिया जाता है और उन्हें भोजन अर्पित किया जाता है। यह पूजा विधि किसी विद्वान पुरोहित के मार्गदर्शन में करनी चाहिए।

4. क्या हर व्यक्ति को पितृपक्ष में श्राद्ध करना चाहिए?
हां, हर व्यक्ति को अपने पितरों के प्रति श्रद्धा और आभार प्रकट करने के लिए पितृपक्ष में श्राद्ध करना चाहिए।

5. पितृपक्ष के दौरान कौन-कौन से कर्मकांड किए जाते हैं?
पितृपक्ष में श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान, और दान किए जाते हैं। इनसे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।


Conclusion

पितृपक्ष हमें हमारे पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और आभार व्यक्त करने का महत्वपूर्ण समय देता है। यह वह अवसर है, जब हम अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध करते हैं, और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। अगर इस दौरान सही विधि से श्राद्ध किया जाए, तो इससे परिवार में सुख-समृद्धि आती है और पितृ दोष का निवारण होता है।

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