पितृ पक्ष में कौए (crow) को ही इतना महत्व क्यों है

नमस्ते दोस्तों,  मैं हूँ प्रिय, एक health astro blogger पिछले 7 साल से और आज मैं आपके साथ एक बहुत ही दिलचस्प विषय पर बात करने वाली हूँ। क्या आपने कभी सोचा है कि पितृ पक्ष में कौए (crow) को इतना महत्व क्यों दिया जाता है? क्यों हम पितरों के लिए श्राद्ध में कौओं को भोजन देते हैं? आज हम इस विषय को विस्तार से समझेंगे और जानेंगे कि आखिरकार कौए को पितृ पक्ष में इतना खास स्थान क्यों मिला है। आइए शुरू करते हैं इस intriguing topic को समझना।

पितृ पक्ष का महत्व – Importance of Pitru Paksha

पितृ पक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में पूर्वजों को समर्पित 15 दिनों का एक विशेष समय होता है। इस समय हम अपने पितरों को याद करते हैं और उनके लिए तर्पण और श्राद्ध जैसे धार्मिक कार्य करते हैं। ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितृलोक में रहने वाले हमारे पितर पृथ्वी पर आते हैं और हमारे द्वारा किए गए श्राद्ध कर्म से संतुष्ट होते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन 15 दिनों में कौओं को इतना महत्व क्यों दिया जाता है?

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कौए का धार्मिक और पौराणिक महत्व – Religious and Mythological Importance of Crows

कौए को भारतीय पौराणिक कथाओं में एक विशेष स्थान दिया गया है। कौआ यमराज का वाहन माना जाता है, जो मृत्यु के देवता हैं। जब पितरों का श्राद्ध होता है, तब कौए को पितरों का प्रतीक मानकर भोजन दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कौए के माध्यम से हमारे पितर भोजन ग्रहण करते हैं। कौए का आना या भोजन करना, यह संकेत माना जाता है कि पितर तृप्त हो गए हैं और उन पर आपकी श्रद्धा स्वीकार हो गई है।

कौए को श्राद्ध में भोजन देने की परंपरा – Tradition of Offering Food to Crows in Shradh

श्राद्ध के दिन जब हम भोजन बनाते हैं, तो सबसे पहले एक थाली कौए के लिए निकाली जाती है। इस थाली में पूरी, सब्जी, और अन्य dishes रखी जाती हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर कौआ इस भोजन को स्वीकार कर लेता है, तो यह एक शुभ संकेत होता है कि हमारे पितर तृप्त हो गए हैं। कौए को भोजन देने की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसे अत्यधिक महत्व दिया जाता है।

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण – Scientific Perspective

यदि हम इस परंपरा को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें, तो कौए का स्वभाव और उसकी habits इस परंपरा से मेल खाती हैं। कौआ एक scavenger पक्षी होता है, जो अपने आसपास की साफ-सफाई में मदद करता है। वह मरे हुए जानवरों और waste को खाता है, जिससे पर्यावरण की स्वच्छता बनी रहती है। पितृ पक्ष में कौए को भोजन देने से हम indirectly प्रकृति और पर्यावरण की सेवा भी कर रहे होते हैं।

कौए के माध्यम से पितरों का आशीर्वाद – Blessings from Ancestors via Crows

पितृ पक्ष के दौरान, यह माना जाता है कि जब कौआ भोजन ग्रहण करता है, तो हमारे पितर हमारे जीवन में खुशहाली और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। यह केवल एक धार्मिक आस्था नहीं है, बल्कि यह हमारे पितरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का एक माध्यम भी है। जब हम पितरों के लिए श्राद्ध करते हैं और कौए को भोजन देते हैं, तो यह हमारी संस्कृति और पूर्वजों के साथ जुड़े रहने का प्रतीक होता है।

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निष्कर्ष – Conclusion

तो दोस्तों, अब आप समझ गए होंगे कि पितृ पक्ष में कौए (crow) को इतना महत्व क्यों दिया जाता है। यह केवल एक धार्मिक आस्था नहीं है, बल्कि हमारे पितरों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक सुंदर तरीका है। कौए के माध्यम से हम अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और उन्हें संतुष्ट करने का प्रयास करते हैं। पितृ पक्ष हमारे जीवन में पूर्वजों की अहमियत और उनके आशीर्वाद को स्वीकारने का समय होता है।
अगली बार जब पितृ पक्ष आए, तो आप भी इस परंपरा को निभाकर अपने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।